Subconscious Mind Power Secrets
सब पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने अपनी चहचहाहट छोड़ दी और सà¥à¤²à¥‡à¤®à¤¾à¤¨ की संगति में आकर मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ अधिक उतà¥à¤¤à¤® बोली बोलने लगे। सब पकà¥à¤·à¥€ अपनी-अपनी चतà¥à¤°à¤¾à¤ˆ और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करते थे। यह आतà¥à¤®-पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा कà¥à¤¦ शेखी के कारण न थी; बलà¥à¤•à¤¿ वे सà¥à¤²à¥‡à¤®à¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पकà¥à¤·à¥€-जगतॠके à¤à¤¾à¤µ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करना चाहते थे, जिससे सà¥à¤²à¥‡à¤®à¤¾ को उचित आदेश देने और पà¥à¤°à¤œà¤¾ की à¤à¤²à¤¾à¤ˆ करने में सहायता मिले। होते-होते हà¥à¤¦à¤¹à¥à¤¦ की बारी आयी। उसने कहा, "ठराज!
आखिर हजरत मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ की कृपा से वह दà¥à¤† उसको याद आ गयी।
à¤à¤• बादशाह ने बाज पाल रखा था। वह उस पकà¥à¤·à¥€ से बड़ा पà¥à¤°à¥‡à¤® करता था और उसे कोई कषà¥à¤Ÿ नहीं होने देता था। à¤à¤• दिन बाज के दिल में न जाने कà¥à¤¯à¤¾ समायी कि बादशाह को छोड़कर चला गया। पहले तो बादशाह को बहà¥à¤¤ रंज हà¥à¤†à¥¤ परनà¥à¤¤à¥ थोड़े दिन बाद वह उसे à¤à¥‚ल गया। बाज़ छूट कर à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ मूरà¥à¤– वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के हाथ में पड़ गया कि जिसने पहले उसके पर काट डाले और नाखून तराश दिये फिर à¤à¤• रसà¥à¤¸à¥€ से बांध कर उसके आगे घास डाल दी और कहने लगा, "तेरा पहला मालिक कैसा मूरà¥à¤– था कि जिसने नाखून à¤à¥€ साफ न कराये, बलà¥à¤•à¤¿ उलà¥à¤Ÿà¥‡ बढ़ा दिये। देख मैं, आज तेरी कैसी सेवा कर रहा हूं। तेरे बढ़े हà¥à¤ बालों को काट कर बड़ी सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° हजामत बना दी है और नाखà¥à¤¨à¥‹à¤‚ को तराश कर छोटा कर दिया है।
"कà¥à¤¯à¤¾ मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• गरà¥à¤®à¥€ के दिन की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ दूà¤?
वह सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ बिलकà¥à¤² चà¥à¤¡à¤¼à¥ˆà¤² थी। सब उससे नफरत करते थे। पर राजकà¥à¤®à¤¾à¤° उसपर मà¥à¤—à¥à¤§ था। उसे इस चà¥à¤¡à¤¼à¥ˆà¤² का इतना मोह हो गया था कि इसके लिठजान देने को à¤à¥€ तैयार था।
संयोग से à¤à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¥‡à¤‚ट करने के अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ से उनकी à¤à¥‹à¤‚पड़ी में घà¥à¤¸ आया। देखा कि साधॠदोनों हाथों से अपनी à¤à¥‹à¤²à¥€ सी रहे हैं।
मरà¥à¤¦ ने कहा, "à¤à¤²à¤¾, बादशाह तक मेरी पहà¥à¤‚च कैस हो सकती है? बिना किसी जरिये के वहां तक here कैसे पहà¥à¤‚च सकता हूं?"
तà¥à¤°à¥à¤•à¤‚ ने उसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सेव खिलाये कि सब खाया-पिया उगल-उगलकर मà¥à¤‚ह से निकालने लगा। उसने तà¥à¤°à¥à¤•à¤‚ से चिलà¥à¤²à¤¾à¤•à¤° कहा, "ठअमीर! मैंने तेरा कà¥à¤¯à¤¾ बिगाड़ा website था तू मेरी जान लेने पर उतारू हो गया?
चीनियों ने रà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से कहा, "अचà¥à¤›à¤¾, à¤à¤• कमरा हम ले लें और à¤à¤• तà¥à¤® ले लो।" दो कमरे आमने-सामने थे। इनमें à¤à¤• चीनियों को मिला और दूसरा रà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ कों चीनियों ने सैकड़ों तरह के रंग मांगें बादशाह ने खजाने का दरवाज खोल दिया। चीनियों को मà¥à¤‚ह मांगे रंग मिलने लगे। रà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने कहा, "हम न तो कोई चितà¥à¤° बनाà¤à¤‚गे और न रंग लगायेगे, बलà¥à¤•à¤¿ अपना हà¥à¤¨à¤° इस तरह दिखायेंगे कि पिछला रंग à¤à¥€ बाकी न रहें।"
यह तरीका तà¥à¤à¤•à¥‹ किसने सिखाया है? बता, सिक शेख और किस पीर ने आजà¥à¤žà¤¾ दी?" यह कहकर सूफी को मारते-मारते अधमर कर दिया।
बस, अब चिनà¥à¤¤à¤¾ न कर मैंने राजा से रिशà¥à¤¤à¤¾ जोड़ा है, साधॠसे नहीं।"
[इबà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥€à¤® का आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• गà¥à¤£ गà¥à¤ªà¥à¤¤ था और उसकी सूरत लोगों के सामने थी। लोग दाढ़ी और गà¥à¤¦à¤¡à¤¼à¥€ के अलावा और कà¥à¤¯à¤¾ देखते हैं?]१
तू लोग और परलोक में हमें धैरà¥à¤¯ और सà¥à¤– पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर। जब हमारा निरà¥à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ तू ही है तो रासà¥à¤¤à¥‡ की मंजिल को à¤à¥€ सà¥à¤–मय बना दे।"१
तू कहां से आ रहा है? कषà¥à¤Ÿ और विपतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कारण तेरी कà¥à¤¯à¤¾ दशा हो गयी है?"