Subconscious Mind Power Secrets




सब पक्षियों ने अपनी चहचहाहट छोड़ दी और सुलेमान की संगति में आकर मनुष्यों से भी अधिक उत्तम बोली बोलने लगे। सब पक्षी अपनी-अपनी चतुराई और बुद्धिमानी प्रकट करते थे। यह आत्म-प्रशंसा कुद शेखी के कारण न थी; बल्कि वे सुलेमान के प्रति पक्षी-जगत् के भाव व्यक्त करना चाहते थे, जिससे सुलेमा को उचित आदेश देने और प्रजा की भलाई करने में सहायता मिले। होते-होते हुदहुद की बारी आयी। उसने कहा, "ऐ राज!

आखिर हजरत मुहम्मद की कृपा से वह दुआ उसको याद आ गयी।

एक बादशाह ने बाज पाल रखा था। वह उस पक्षी से बड़ा प्रेम करता था और उसे कोई कष्ट नहीं होने देता था। एक दिन बाज के दिल में न जाने क्या समायी कि बादशाह को छोड़कर चला गया। पहले तो बादशाह को बहुत रंज हुआ। परन्तु थोड़े दिन बाद वह उसे भूल गया। बाज़ छूट कर एक ऐसे मूर्ख व्यक्ति के हाथ में पड़ गया कि जिसने पहले उसके पर काट डाले और नाखून तराश दिये फिर एक रस्सी से बांध कर उसके आगे घास डाल दी और कहने लगा, "तेरा पहला मालिक कैसा मूर्ख था कि जिसने नाखून भी साफ न कराये, बल्कि उल्टे बढ़ा दिये। देख मैं, आज तेरी कैसी सेवा कर रहा हूं। तेरे बढ़े हुए बालों को काट कर बड़ी सुन्दर हजामत बना दी है और नाखुनों को तराश कर छोटा कर दिया है।

"क्या मैं तुम्हें एक गर्मी के दिन की तुलना दूँ?

वह स्त्री बिलकुल चुड़ैल थी। सब उससे नफरत करते थे। पर राजकुमार उसपर मुग्ध था। उसे इस चुड़ैल का इतना मोह हो गया था कि इसके लिए जान देने को भी तैयार था।

संयोग से एक मनुष्य भेंट करने के अभिप्राय से उनकी झोंपड़ी में घुस आया। देखा कि साधु दोनों हाथों से अपनी झोली सी रहे हैं।

मर्द ने कहा, "भला, बादशाह तक मेरी पहुंच कैस हो सकती है? बिना किसी जरिये के वहां तक here कैसे पहुंच सकता हूं?"

तुर्कं ने उसे ज्यादा सेव खिलाये कि सब खाया-पिया उगल-उगलकर मुंह से निकालने लगा। उसने तुर्कं से चिल्लाकर कहा, "ऐ अमीर! मैंने तेरा क्या बिगाड़ा website था तू मेरी जान लेने पर उतारू हो गया?

चीनियों ने रुमियों से कहा, "अच्छा, एक कमरा हम ले लें और एक तुम ले लो।" दो कमरे आमने-सामने थे। इनमें एक चीनियों को मिला और दूसरा रुमियों कों चीनियों ने सैकड़ों तरह के रंग मांगें बादशाह ने खजाने का दरवाज खोल दिया। चीनियों को मुंह मांगे रंग मिलने लगे। रुमियों ने कहा, "हम न तो कोई चित्र बनाएंगे और न रंग लगायेगे, बल्कि अपना हुनर इस तरह दिखायेंगे कि पिछला रंग भी बाकी न रहें।"

यह तरीका तुझको किसने सिखाया है? बता, सिक शेख और किस पीर ने आज्ञा दी?" यह कहकर सूफी को मारते-मारते अधमर कर दिया।

बस, अब चिन्ता न कर मैंने राजा से रिश्ता जोड़ा है, साधु से नहीं।"

[इब्राहीम का आन्तरिक गुण गुप्त था और उसकी सूरत लोगों के सामने थी। लोग दाढ़ी और गुदड़ी के अलावा और क्या देखते हैं?]१

तू लोग और परलोक में हमें धैर्य और सुख प्रदान कर। जब हमारा निर्दिष्ट स्थान तू ही है तो रास्ते की मंजिल को भी सुखमय बना दे।"१

तू कहां से आ रहा है? कष्ट और विपत्तियों के कारण तेरी क्या दशा हो गयी है?"

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